नारनौल जेल रिश्वत कांड : सुपरिटेंडेंट और डिप्टी सुपरिटेंडेंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, देखें पूरा मामला...
- By Krishna --
- Friday, 24 Dec, 2021
Narnaul Jail Bribery Case: Arrest warrant issued against Superintendent and Deputy Superintendent, s
रेवाड़ी। हरियाणा के नारनौल स्थित नसीबपुर जेल में सामने आए एक लाख रुपए के रिश्वत कांड में जेल सुपरिटेंडेंट अनिल जांगड़ा और डिप्टी सुपरिटेंडेंट कुलदीप हुड्डा की गिरफ्तारी को लेकर स्टेट विजिलेंस ने गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। साथ ही जेल सुपरिटेंडेंट की गिरफ्तारी में चूक होने पर इस केस को लीड करने वाले नूहं विजिलेंस के इंस्पेक्टर अजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। विजिलेंस ने सुपरिटेंडेंट और डिप्टी सुपरिटेंडेंट के घर के अलावा रेवाड़ी और नारनौल दोनों जेल में नोटिस चस्पा कर उन्हें इस केस की जांच में शामिल होने के लिए कहा है। अगर दोनों अधिकारी खुद जांच में शामिल नहीं हुए तो फिर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
बता दें कि 9 दिसंबर को स्टेट विजिलेंस की टीम ने नारनौल जेल के जेल वार्डन राजन को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों जेल के भीतर से ही पकड़ा था। उसके बाद जेल के एक अन्य वार्डन गजे सिंह की गिरफ्तारी हुई, जिसके बाद जेल सुपरिटेंडेंट अनिल जांगड़ा व डिप्टी जेल सुपरिटेंडेंट कुलदीप हुड्डा का रिश्वत में नाम सामने आया। डिप्टी सुपरिटेंडेंट को तो बकायदा एफआईआर में नामजद भी किया गया।
जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी रिश्वत कांड की असली परतें उठ गई। इधर, डिप्टी सुपरिटेंडेंट कुलदीप हुड्डा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए नारनौल कोर्ट अग्रिम जमानत लगाई, जो खारिज हो चुकी है। वहीं 15 दिसंबर को विजिलेंस टीम ने इंस्पेक्टर अजीत सिंह के नेतृत्व में रेवाड़ी स्थित जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा के घर रेड कर दी। लेकिन इस रेड की जानकारी लीक होने की वजह से जेल अधीक्षक अनिल अलसुबह से ही अंधेरे में घर से फरार हो गए।
इस रिश्वत केस से पहले नारनौल जेल का अतिरिक्त चार्ज संभालने वाले रेवाड़ी जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा और नारनौल जेल के डिप्टी जेलर कुलदीप हुड्?डा भूमिगत हो गए है। विजिलेंस ने दोनों की गिरफ्तारी को लेकर पिछले एक सप्ताह में कई ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। विजिलेंस ने अब इन दोनों के घरों पर उक्त रिश्वत कांड मामले की जांच में शामिल होने के लिए नोटिस चस्पा किए है। इसके साथ ही नसीबपुर जेल एवं रेवाड़ी जेल में भी इसी तरह के नोटिस लगाए गए हैं और वहां के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी हाजिर होने पर जांच में शामिल कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। विजिलेंस दूसरी तरफ सूत्रों के जरिए दोनों के संभावित ठिकानों पर भी निगरानी रखे हुए है, जिससे उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके।
रेड फेल होने पर नपे इंस्पेक्टर
नारनौल में रिश्वतकांड से पर्दा उठाने वाले नूहं विजिलेंस के इंस्पेक्टर अजीत सिंह शुरू से ही केस में ताबड़तोड़ छापेमारी करते रहे, लेकिन जेल वार्डन राजन और गजे सिंह के अलावा कोई तीसरा आरोपी उनके हत्थे नहीं चढ़ा। उसके बाद 15 दिसंबर को रेवाड़ी जेल स्थित जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा के घर रेड की गई। बताते है कि रेड से पहले जेल अधीक्षक को इसकी भनक लग गई थी और सुबह 4 बजे विजिलेंस के पहुंचने से पहले ही जेल अधीक्षक घर से फरार हो चुके थे।
रेड की जानकारी लीक होने के साथ ही सर्च वारंट लेने में भी उनसे चूक हुई, जबकि जेल सुपरिटेंडेंट उस रात अपने आवास पर होने के बावजूद वहां से रफू चक्कर होने में कामयाब हो गए। जिसके चलते इंस्पेक्टर अजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। रिश्वत कांड की जांच का जिम्मा अब विजिलेंस इंस्पेक्टर नवल किशोर शर्मा को दिया गया है। विजिलेंस इंस्पेक्टर नवल किशोर शर्मा ने कहा कि जेल सुपरिटेंडेंट और डिप्टी जेलर को जांच में शामिल कराने के लिए उनके घरों एवं जेल में नए नोटिस लगा दिए गए हैं। साथ ही गिरफ्तारी वारंट भी ले लिए गए हैं। मामले की जांच जारी है।